मसाला बिज़नेस से तय करें फ़र्श से अर्श तक का सफ़र

मसाला बिज़नेस भारत के उन चुनिन्दा उद्योगों में से है जिन्होंने विदेशों तक अपनी धाक बना रखी है. आज के Hindi Business Idea में हम Indian Spices उद्योग पर चर्चा करेंगे. 

चाहें मौका रंग और उमंग से भरे त्योहारों का हो या फिर ढोल और शहनाईयों में झूमते शादी ब्याह का बिना पकवानों के सब कुछ अधूरा सा लगता है. यहाँ तक की रोजमर्रा की जिंदगी में भी स्वादिष्ट भोजन का होना अत्यंत आवश्यक माना जाता है. और जब बात भारत जैसे विविधताओ वाले देश की हो रही हो तो व्यंजनों का महत्त्व और भी बढ़ जाता है. 

भारतीय मसाले (Indian Spices) सभी प्रकार के व्यंजनों की शान माने जाते है. एशिया से लेकर वेस्टर्न कन्ट्रीज तक लगभग सभी भारतीय मसालों के सौकीन है. यही वजह भी है के भारतीय मसालों का उद्योग (Business of Indian Spices) लगातार तरक्की कर रहा है. 

यदि आप Indian Spices को एक business opportunity के रूप में देखते है तो यह ब्लॉग आपके लिए एक बेहतरीन गाइड साबित हो सकता है. तो चलिए अधिक समय न लेते हुए सीधा बिज़नेस पर चर्चा करते है. 

भारतीय मसाला उद्योग क्या है (What is Indian Spices Business)? 

खाने पीने की चीजों प्रमुख रूप से सब्जी और सूप्स को अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए कुछ मसालों को प्रयोग किआ जाता है. इन मसालों में हल्दी पाउडर, मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, मसाला मिक्स पाउडर, सब्जी मसाला, मीट मसाला आदि शामिल है. ये सभी प्रकार के मसाले प्रमुख रूप से खड़े मसालों अथवा फसलों के बीज, जड़ तथा तनो से बनाए जाते है. 

वैसे तो ये मसाले प्रकृति के वरदान के रूप में हमें पेड़ पौधों से प्राप्त होते है, परन्तु इनको खाने योग्य बनाने के लिए एक विशेष प्रोसेस से गुजारना पड़ता है. मसालों को प्रोसेस करके उनको बाजार में बेचने की प्रक्रिया को ही मसाला बिज़नेस अथवा मसाला उद्योग कहते हैं. 

Indian Spices Business अथवा भारतीय मसाला उद्योग कई पैमानों पर किआ जाता है. जहाँ एक ओर अशोक, एवेरेस्ट तथा MDH जैसी बड़ी कंपनियां सील पैक रूप से मसाला उद्योग कर रही है, वही कुछ ग्रामीण लोग छोटे पैमाने पर खुले रूप में मसालों का व्यवसाय कर रही है. दोनों ही लोग अपनी अपनी इन्वेस्टमेंट तथा मार्केटिंग के अनुरूप बिज़नेस कर रहे है तथा मुनाफ़ा भी प्राप्त कर रहे है. 

भारतीय मसालों के प्रकार 

भोजन को अधिक स्वादिष्ट एवं खुशबूदार बनाने के लिए कई प्रकार के मसालों का प्रयोग किआ जाता है. ये मसाले सूखे बीज, पत्ती, छाल तथा फलों के रूप में आते है. इनमे से कुछ मसालों का प्रयोग तो महीन पीसकर भी किआ जाता है. 

उपयोग के आधार पर मसालों को निम्न वर्गों में बांटा जा सकता है; 

  1. बीज के रूप में: भारतीय मसालों की सूची में कुछ मसाले ऐसे है जिनको सीधा बीज के रूप में ही प्रयोग में लाया जाता है. इन मसालों में अजवाइन, सौंफ, अनारदाना, धनिया, जीरा, मेथी, खसखस, तथा पोस्ता आदि शामिल है. 
  2. पत्ती के रूप में: बीज के अलावा कुछ पौधों की पत्तियां भी मसालों के रूप में प्रयोग की जाती है. इन मसालों में तुलसी की पत्ती, लोरेल लीव्स, करी लीव्स, तेज पत्ता, पेपरमिंट लीव्स, पुदीना, सेज, रोजमेरी लीव्स आदि शामिल है. 
  3. फल व फूल के रूप में: भारतीय मसालों की सूचि में कुछ ऐसे मसाले भी शामिल है जो सीधा फूल अथवा फल के रूप में प्रयोग में लाये जाते है. उदहारण के लिए केपर, रोज, कोकम, गदा, वेनीला तथा जायफल आदि. 
  4. जड़ के रूप में: इस सूची में वह मसाले आते है जो मूल अथवा जड़ के रूप में बाजार में उपलब्ध है. इनमें लहसुन, अदरक, घोडा मूली, प्याज, अदरक हल्दी तथा शालोट आदि शामिल है. 
  5. अन्य रूप में: कुछ मसाले ऐसे भी होते है जो न तो फल होते है और न ही फूल इसके बावजूद भी उनका प्रयोग मसालों के रूप में किआ जाता है. जैसे लौंग, काली मिर्च, हींग आदि. 

नोट: ऊपर दिए गए लगभग सभी मसाले सिर्फ पत्ता मसालों को छोड़कर खड़े तथा पिसे दोनों रूपों में बाजार में उपलब्ध है. अतः यदि आप Indian Spices के व्यापार में आना चाहते है तो आपके पास दोनों ही विकल्प उपलब्ध रहेंगे. 

भारतीय मसाला बिज़नेस के मुख्य फ़ायदे | Benefits of Indian Spices Business

बिज़नेस चाहें जो भी हो एक आम उद्दमी के लिए जो सबसे जरुरी चीज है वह है मुनाफा तथा व्यापार की लोकप्रियता. Masala Manufacturing Business व्यापारी को ये दोनों ही चीजें देने की गारंटी देता है जो की इस व्यापार का सबसे बड़ा फायदा है. इसके अलावा मसाला व्यापार के कुछ अन्य फायदे निम्न है; 

अंतराष्ट्रीय बाजार से कनेक्शन: भारतीय मसाला व्यापार का सीधा कनेक्शन इंटरनेशनल मार्केट से है तथा यह व्यापार आपके लिए अंतराष्ट्रीय बाजार के लिए रास्ता प्रदान करता है. जानकारों की माने तो पूरी दुनिया में प्रयोग किए जाने वाले 109 मसालों में से 75 मसाले भारत से एक्सपोर्ट होते है.

इसके साथ ही मसालों के क्षेत्र में भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है तथा पूरी दुनिया को मसाले प्रदान करता है. 

देश की आबादी तथा हर घर की जरुरत: वैसे तो Masala Manufacturing Business एक अंतराष्ट्रीय व्यापार है जिसकी मांग दुनिया के हर देश में है. किन्तु यदि आप सिर्फ भारत की ही मार्केट को पकड़ ले तो आपका करोडो का बिज़नस खड़ा हो सकता है. 

वास्तव में मसाला एक ऐसी चीज है जिसका प्रयोग लगभग हर घर में होती है और भारत एक ऐसा देश है जहाँ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी रहती है. 2011 के एक सर्वे के अनुसार भारत में कुल 24.88 करोड़ परिवार रहते है. यदि आप इनमे से 0.1 प्रतिशत लोगो तक भी अपना प्रोडक्ट पहुंचा पाते है तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता. 

कच्चे माल की आसान उपलब्धता: किसी भी बिज़नेस मुख्य रूप से मैन्युफैक्चरिंग आधारित बिज़नेस में कच्चे माल का अत्यधिक महत्त्व होता है. Spice Manufacturing Business का ये सबसे बड़ा फायदा है की इसके लिए जरुरी कच्चा माल आपको सस्ते दामों पर आसानी से प्राप्त हो जाता है. 

आप चाहे तो बाजार से या फिर सीधा किसान से कच्चा माल उठा सकते है. जब आप व्यापार के लिए किसान से माल खरीदेंगे तो आप माल बल्क में तथा महंगा खरीदेंगे जिससे किसान को फायदा होगा. चूँकि आप ये माल प्रोसेस करके आगे अच्छे दामो में बेचने वाले है इसलिए आपका मुनाफा भी पक्का रहेगा.

मसाला उद्योग के लिए जरुरी मशीनरी 

वैसे तो आप पारंपरिक रूप से भी भारतीय मसाला व्यापार (Indian Spices Business) कर सकते है जिसमे आपको कोई भी महँगी मशीन खरीदने की जरुरत नहीं पड़ेगी. परन्तु यदि आप अपने व्यापार को बड़े पैमाने पर ले जाना चाहते है तथा आपके पास इन्वेस्ट करने के लिए अच्छी खासी रकम है तो आप निम्न मशीन खरीद सकते है. 

  • क्लीनर मशीन 
  • ड्रायर मशीन 
  • ग्राइंडर मशीन 
  • पॉवर ग्रेडर मशीन
  • पाउच पैकिंग मशीन
  • इम्पैक्ट पल्वराइजर (सेंधा नमक और हल्दी के प्रयोग हेतु) 
  • डबल स्टेज पुलराइजर (सेंधा नमक और हल्दी के प्रयोग हेतु) 
  • हम्मरिल (मिर्ची, अजवायन, तेजपत्ता, धनिया, करी पत्ता, जीरा, काला जीरा, तुलसी पत्ती आदि के प्रयोग हेतु) 
  • मसाला चक्की 

ये सभी मशीन मुख्य रूप से बड़े पैमाने के व्यापार हेतु प्रयोग में लाई जाती है. यदि आप पारंपरिक व्यापार जो की छोटे पैमाने पर किए जाते है करना चाहते है तो आपको इन मचीनो पर इन्वेस्ट करने की जरुरत नहीं है. 

मसाला बिज़नेस के प्रकार (Types of Indian Spices Business) 

भारतीय मसाला व्यापार को बजट तथा बाजार के द्रष्टिकोण से 2 भागो में बांटा जा सकता है; 

  • पारंपरिक मसाला व्यापार अथवा छोटे पैमाने पर किआ जाने वाला मसाला व्यापार 
  • आधुनिक मसाला व्यापार अथवा बड़े पैमाने पर किआ जाने वाला मसाला व्यापार 

पारंपरिक मसाला व्यापार 

इस व्यापार में उद्दमी कम लागत तथा कम वेरायटीज के साथ अपना बिज़नस शुरू करते है. यह व्यवसाय बिना किसी पैकेजिंग के छोटे पैमाने पर किआ जाता है. इसका बाजार सीमित होता है तथा इसके लिए किसी भी सरकारी अथवा क़ानूनी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ता. 

ट्रेडिशनल मसाला व्यापार को करने के लिए किसी विशेष मशीनरी की जरुरत भी नही पड़ती है. आप साधारण पिसाई चक्की या मशीन के साथ अपना व्यापार शुरू कर सकते है. इस व्यापार में मुख्य रूप से हल्दी, मिर्च तथा धनिया आदि शामिल है. हालाँकि क्षेत्र तथा उत्पादन के अनुसार आप अपने Masala Manufacturing Business में अन्य मसाले भी शामिल कर सकते है. 

मॉडर्न मसाला बिज़नेस

आधुनिक मसाला व्यापार व्यापक पैमाने पर किआ जाने वाला बिज़नेस है जिसमे एक बड़ी लागत के साथ ही गहन रिसर्च तथा प्लानिंग की जरुरत होटी है. मॉडर्न Indian Spices Business की सबसे जरुरी बात उसमे प्रयोग होने वाली आधुनिक मशीन है. 

चूँकि यह व्यापार बड़े पैमाने पर बड़ी लागत के साथ किआ जाता है अतः इसका मार्केट भी काफी व्यापक होता है.

कैसे शुरू करें मसाला बिज़नेस | How to start spice business 

मसाला बिज़नेस शुरू करने से पहले आपको निश्चित करना होगा की आप किस तरह का व्यापार करना चाहते है. यदि आप नए उद्दमी है तथा आपका बजट सीमित है तो हम आपको ट्रेडिशनल बिज़नस करने का सुझाव देंगे. 

ट्रेडिशनल बिज़नेस करने के लिए सबसे पहले आपको एक कमरे का प्रबंध करना होगा जहाँ आप अपने माल की प्रोसेसिंग तथा स्टोरेज करेंगे. आप चाहें तो खड़ा मसाला बाजार से कम दामो में खरीद कर उसको साफ करके तथा पीसकर (यदि आवश्यक है तो) बाजार में सीधा बेच सकते है. 

इसके अलावा आप चाहें तो खुद का कच्चा माल भी उगा सकते है अथवा किसान से ख़रीद सकते है. यह तरीका आपके लिए अधिक आसान तथा मुनाफ़े वाला साबित होगा. 

साथ ही मॉडर्न बिज़नेस अथवा बड़े पैमाने पर किए जाने वाले व्यापार के लिए आपको सबसे पहले मार्केट रिसर्च करने की जरुरत होगी. आपको पता करना होगा की आपके क्षेत्र में कौन सा मसाला आसानी से उपलब्ध है और किस मसाले की मांग सबसे ज्यादा है. मार्केट का पता चल जाने के बाद आपको मशीनरी (ऊपर दी गई) का प्रबंध करना होगा. 

इस बिज़नेस को शुरू करने के लिए आपको एक अच्छी जगह का प्रबंध करना होता है जहाँ से आप अपने माल का ट्रांसपोर्टेशन आसानी से कर पाए. हमारी सलाह में मुख्य मार्ग के आसपास की जगह आपके व्यापार के लिए बेहतर होगी. जगह का प्रबंध करने के बाद आपको अपने ब्रांड का चुनाव करना होगा तथा उसके अनुसार ही सभी दस्तावेज व लाइसेंस का भी इंतजाम करना होगा. 

इतना सब करने के बाद आप कच्चा माल लेकर उसकी प्रोसेसिंग तथा सेल्लिंग प्रारंभ कर सकते है. 

इन्टरनेट मार्केटिंग 

ध्यान रहे की कम्पटीशन के इस दौर में आपको प्रचार प्रसार पर भी अच्छा खासा खर्च करना पड़ेगा. लोग जितना आपके ब्रांड से परिचित होंगे आपका व्यापार उतना ही अधिक बढेगा. आप चाहें तो अपनी खुद की वेबसाइट बनाकर अपने बिज़नस को ऑनलाइन ले जा सकते है. 

ऑनलाइन मार्केटिंग के बारे में अधिक जाने 

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अनुमानित लागत | Estimated investment

दोनों ही प्रकार के व्यापारों की अलग अलग लागत देखी जाती है. यदि आप छोटे पैमाने पर व्यापार करते है तो आपका बजट 10 से 20 हजार के बीच रहेगा. पर यदि आप बड़े पैमाने पर बिज़नेस शुरू करते है तो आपकी लागत 3 से 4 लाख के बीच रह सकती है. यहाँ आपका मशीनरी का खर्च बढ़ जाता है.

इसके अलावा यदि आपके पास जगह नही है तो आपको अपने एरिया के अनुसार जगह के लिए अलग से खर्च करना होगा.

जरुरी दस्तावेज तथा लाइसेंस | Important Documents

Indian Spices Business शुरू करने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेजो की जरुरत होगी;

  • FSSAI Food License 
  • MSME Registration 
  • PAN CARD+AADHAR CARD and MSME Registration 
  • Trade license and BIS certificate 
  • GST No. 
  • IEC (यदि आप निर्यात करने को देख रहे है तो) 
  • Trademark

अनुमानित मुनाफा 

सभी व्यापारों की भांति मसाला बिज़नस में भी मुनाफ़ा बिक्री के अनुसार ही होता है. व्यापारियों की माने तो मसाला व्यापार में लाभ का मार्जन लगभग 50 प्रतिशत होता है. चाहें आप बड़े पैमाने पर करें या छोटे पैमाने पर आपका मुनाफ़ा आपकी लागत का आधा होगा. उदहारण के लिए यदि आप एक महीने में 10 हजार का माल बेचते है तो आपका मुनाफा लगभग 5 हजार का होगा. 

अनुमानित रूप से कहें तो छोटे मसाला व्यापारी प्रारंभिक समय में 10 से 15 हजार का मुनाफा कमाते है. वहीँ बड़े उद्द्मियो के लिए यह आंकड़ा 50 हजार तक भी हो सकता है. 

आशा है आपको हमारी ये जानकारी पसंद आई होगी. मसाला व्यापार से जुड़े अन्य सवालों के लिए कृपया कमेंट बॉक्स का प्रयोग करे. धन्यवाद! 

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